निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
उनसे
मिलना क्या हुआ
तन्हा
दामन उजाले से
भर गया
चाहत की हवा बहने
लगी
मोहब्बत के फूल
खिलने लगे
जहन ख्यालों से
महकने लगा
निरंतर उदास चेहरा
मुस्कारने लगा
दिल अब खुद का
ना रहा
उनकी मोहब्बत में
गिरफ्तार हो गया
29-07-2011
1260-144 -07-11
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