निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
वो आज कल
बातों से बहलाते
किसी तरह पीछा
छुडाते
समझते हम हकीकत
ना जानते
हम भी रंजो गम में
वक़्त गुजारते
निरंतर उन्हें बहलाने को
बात करते
वक़्त बदल जाने का
इंतज़ार करते
26-07-2011
1236-116-07-11
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