Friday, February 10, 2012

क्षणिकाएं -13

उम्मीद
लोगों से उम्मीद
नहीं करता हूँ
नफरत का सामान
इकट्ठा करने का
शौक नहीं रखता हूँ
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खुशी की चाह
खुशी की
चाह रखने से पहले
खुश रहना ज़रूरी
सोचने का तरीका
बदलना ज़रूरी
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क्रिकेट
जीत गए तो
सर पर उठा लो
हार गए तो
गालियों से नवाजो
क्रिकेट के खेल को
केवल खेल समझो
हार जीत को
ज़ज्बात से मत
जोड़ो
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जीत गए तो
जीत गए तो
बहुत मेहनत करी
हार गए तो मेहनत
नहीं करी होगी
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हार कर जीतना
हार कर जीतना
लगन
मेहनत से संभव
सदा जीतते रहना
अधिक कठिन
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दुखी-सुखी
दुखी मन
सुखी रहना
चाहता
सुखी मन
भी सुखी रहना
चाहता
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खुदगर्जी
 सब मेरी प्रशंसा करें
जो ना करें
मैं उस से नफरत करूँ
मैं सबसे आगे रहूँ
मुझ से आगे कोई
ना रहे
10-02-2012
144-55-02-12

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