Saturday, February 18, 2012

इंसानियत का धर्म निभाता रहा

पठान के कपडे पहन
हिन्दू का लड़का 
बाज़ार में निकल पडा
मारो मारो को हल्ला सुना
घबरा कर भाग पडा
एक मुसलमान ने
घर का दरवाज़ा खोला
इशारे से
उसे अन्दर बुलाया
मौत के मुंह से बचाया
कुछ दिन घर में छुपा
कर रखा
उसके हिन्दू होने का
पता उसे चल चुका था
फिर भी प्यार से
खिलाता पिलाता रहा
सच्चा मुसलमान था
नफरत से
उसका वास्ता ना था
इंसानियत का धर्म
निभाता रहा
18-02-2012
192-103-02-12

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