Sunday, May 1, 2011

शुक्रिया


शुक्रिया
मुझे ज़िन्दगी की
हकीकत से
रूबरू कराया
दिल में नफरत
रख कर
मुस्काराना बताया
वफ़ा का जवाब
बेवफाई से
देना समझाया
निरंतर चेहरे पर
नकाब लगा करा
जीना सिखाया
01-05-2011
794-01-05-11

No comments: