Saturday, July 9, 2011

हकीकत का पता चल गया

निरंतर साथ हंसा ,
साथ खाया
कुछ वक़्त साथ बिताया 
मुस्काराकर चंद
बातें  करी
कुछ कामों में हाथ
बटाया
दोस्त का नाम दिया
दर्द का अहसास हुआ
देखा तो पीठ में छुरा
भोंका पाया
दोस्ती का सिला
मिल गया
हकीकत का पता
चल गया
09-07-2011
1156-40-07-11

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