हाल,बेहाल देख कर
वो कहने लगे
ज़रा सा दिल टूटा
क्यों शोर इतना मचा रहे हो
बहते अश्कों को देख बोले
कमी के दौर में
क्यों पानी बर्बाद कर रहे हो
दिल की बात करना छोड़ दो
दिल किस के पास बचा
जो बात तुम्हारी समझेगा
निरंतर रोते हुओं के आंसूं
अब कोई नहीं पौंछेगा
नफरत और होड़ के दौर में
जी रहे हो
क्यों बात प्यार,मोहब्बत की
कर रहे हो ?
10-05-2011
833-40-05-11
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