Sunday, May 8, 2011

बहुत नासमझ था,ज़माने ने सिखा दिया

बहुत नासमझ था
ज़माने ने सिखा दिया
जो भी जानता था
उसे गलत करार
दे दिया
ज़िन्दगी के मायने
समझा गया
निरंतर मीठी बातों से
बचना सिखा गया
चेहरे और दिल में
फर्क बता गया
शुक्रिया ज़माने का
छुपी हुयी हकीकतों से
रूबरू करा गया
08-05-2011
826-33-05-11

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