ऋतु बसंत की आयी
बहार फूलों की लायी
बहार फूलों की लायी
चेहरों पर खुशी छायी
कोयल की कूंक गूंजे
पपीहा पीहू पीहू बोले
भँवरे निरंतर गीत गायें
फूलों पर आँख गढ़ाए
गुंजन से उन्हें लुभाए
कोयल की कूंक गूंजे
पपीहा पीहू पीहू बोले
भँवरे निरंतर गीत गायें
फूलों पर आँख गढ़ाए
गुंजन से उन्हें लुभाए
प्रेम रस से ह्रदय भीगे
प्रेमी जोड़ों के मन डोले
पेड़ों में नए पत्ते आये
हरयाली पंछियों को बुलाये
मौसम ने अंगडायी ली
पेड़ों में नए पत्ते आये
हरयाली पंछियों को बुलाये
मौसम ने अंगडायी ली
शीत की विदाई हुयी
हवा में गर्मी आयी
रंगों की बरसात हुयी
होली पर मस्ती छाई
साजों की जाजम बिछी
संगीत गोष्ठी सजने लगी
गीतों की स्वर-लहरी गूंजी
रंगों की बरसात हुयी
होली पर मस्ती छाई
साजों की जाजम बिछी
संगीत गोष्ठी सजने लगी
गीतों की स्वर-लहरी गूंजी
ऋतु बसंत की आयी
जीवन में आशाएं लायी
04-07-2011
1131-15-07-11
No comments:
Post a Comment