वक़्त की काली
रात में
चमकते सितारों को
देखता
चाँद की चांदनी में
नाहता
यादों के समंदर में
डूबता
ग़मों को भूलता
अश्कों को पौंछता
खुशी के लम्हों को
जीता
मस्ती से सरोबार
होता
सुकून की
सुनहरी सुबह के
इंतज़ार में निरंतर
वक़्त बिताता
04-07-2011
1133-17-07-11
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