उसने मुझे मोह लिया
दिल बेकाबू हुआ
खुद को ना रोक सका
हाथ पकड़ लिया
इजहारे -ऐ-मोहब्बत
करने लगा
उसका चेहरा तमतमा
गया
गुस्से से लाल हुआ
शर्म नहीं आती
खुले आम हाथ
पकड़ते हो
इजहारे -ऐ-मोहब्बत
करते हो
मिलना ही है तो
निरंतर अकेले में मिलो
बातें दिल की करो
आखिर हम भी
तुम्ही को चाहते हैं
दिल तुम्ही से
लगाते हैं
09-07-2011
1160-44-07-11
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