बीते दिनों को भूलना चाहता
मचलते बचपन
बहकते यौवन
बड़ों का आशीर्वाद
छोटों का सम्मान
साथ हंसना,साथ रोना
महकते फूल
फलते फूलते घने जंगल
पक्षियों का चहचहाना
नदी का
स्वच्छ निर्मल जल
अनछुए आकाश छूते
पहाड़
घर जैसे मोहल्ले
भाई से बढ़ कर दोस्त
किसी को याद नहीं करना चाहता
निरंतर इन्हें याद कर
जीवन के अंतिम क्षणों में
कष्ट नहीं पाना चाहता
जो थोड़ी सी मुस्कान
बची है
उसे सम्हाल कर
रखना चाहता
दुनिया को
दिखाने के लिए
मुस्काराते चेहरे के साथ
जाना चाहता
08-07-2011
1154-38-07-11
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