आराम करता रहा
रात भर सोता रहा
दिन भर रोता रहा
काम भी करना होता
निरंतर भूलता रहा
दुनिया को कोसता रहा
खामियां निकालता रहा
खुद हाथ पर
हाथ रख कर बैठा रहा
खुदा से दुआ करता रहा
उसके बताये रास्ते से
दूर होता रहा
जुबान चलाता रहा
ज़िन्दगी को नरक
बनाता रहा
गुनाहों का बोझ
ढोता रहा
08-07-2011
गुनाहों का बोझ
ढोता रहा
08-07-2011
1153-37-07-11
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