खट्टी मीठी यादें
मन मष्तिष्क में भरी
कुछ हंसाती,
कुछ रुलाती
कुछ पीछे ले जाती
निरंतर
मन को उद्वेलित
करती
कभी सहारा देती
कभी कमज़ोर करती
किसी के लिए अर्थी
तो किसी के लिए
फूलों की सेज होती
इंसान के प्रति
इंसान की भावनाएं
दर्शाती
इंसान के प्रति
इंसान की भावनाएं
दर्शाती
सोचता हूँ अगर
यादें ना होती
यादें ना होती
तो मरने के बाद
इंसान की कद्र
कैसे होती ?
23-06-2011
1091-118-06-11
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