Saturday, June 25, 2011

वो मंदिर भी जाता,मस्जिद भी जाता

वो मंदिर भी जाता  
मस्जिद भी जाता
दीपावली,ईद दोनों
मनाता  
रमजान में रोजे
पर्यूषण में उपवास
रखता  
क्रिसमस चर्च में
मनाता
मत्था गुरुद्वारे में 
टेकता
निरंतर खुदा की
इबादत में डूबा
रहता  
कोई सिरफिरा
कोई पागल कहता
उसकी नज़रों में
खुदा हर रूप में
एक था

सर्वधर्म सुखाय
उसका सोच था  
बेफिक्र जीता था 
25-06-2011
1097-124-06-11

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