Thursday, June 16, 2011

तेरे शहर में आया हूँ, अब तेरे हवाले हूँ

तेरे शहर में आया हूँ
अब तेरे हवाले हूँ
मुझे पहचाने या
भूल जाए
इस्तकबाल करे या
अलविदा कहे
बात करे या
या मुंह फिरा ले
अब तेरे हाथ में
मैंने तो
घर बार छोड़ दिया
तेरे लिए
अब तेरी मर्जी
जगह दे या दरवाज़ा
दिल का बंद कर  दे
निरंतर
मंजिल समझा तुझे
किश्ती को किनारे
पहुंचाए
या मंझधार में डूबोये
अब तेरे हाथ में
16-06-2011
1052-79-06-11

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