Wednesday, June 22, 2011

खुदा से दुआ करने की याद आयी

तो बचपन की महक
याद आयी
वो बेफिक्र फितरत
याद आयी
जवानी की मस्ती
याद आयी
ख़्वाबों की आंधी
याद आयी
जाने,अनजाने हुयी
गलतियां याद आयी
जब अस्त होने की
बारी आयी
तो जवानी के उजाले की
 याद आयी 
किसी तरह रात के
अँधेरे से बच जाऊं
निरंतर भुला दिया था
जिस  खुदा को 
उस खुदा से दुआ
करने की याद आयी
22-06-2011
1085-112-06-11

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