Monday, June 20, 2011

लोगों की बातों से बचता हूँ, ना सुनाता हूँ, ना सुनता हूँ

जीता हूँ
रोने की जगह चुपचाप
सहता हूँ
मुस्कराने के वक़्त
हंसता हूँ
लोगों की बातों से
बचता हूँ
ना सुनाता हूँ, ना
सुनता हूँ
सिला मेहनत का
मिले ना मिले
ग़मगीन नहीं होता हूँ
ख्वाइश पूरी होती तो
शुक्रिया खुदा का
करता हूँ
नहीं पूरी होती तो
किस्मत समझ फिर से
कोशिश करता हूँ
होंसला कम नहीं हो
निरंतर कोशिश
करता हूँ
ज़िन्दगी यूँ ही जीता हूँ
20-06-2011
1076-103-06-11

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