सवेरा
सवेरे ने
रात को धोखा दिया
चाँद तारों को
अलविदा कहा
रात को विदा किया
खुद आ गया
सूर्य को निमंत्रण दिया
सोतों को जगाया
नया दिन
नयी आशाएं लाया
निरंतर रोते चेहरों के
जीवन में उत्साह और
उमंग का संचार किया
आज कल से बेहतर
होगा
उम्मीद में नया दिन
प्रारम्भ हुआ
02-06-2011
986-13-06-11
No comments:
Post a Comment