ज़िन्दगी के सफ़र में
थक गया
मगर हारा नहीं
ज़िन्दगी की धूप में
चेहरा झुलस गया
मगर चमक कम
हुयी नहीं
निरंतर तूफानों से
टकराता रहा
मगर होंसला कम
हुआ नहीं
ना टूटा अब तक
ना टूटूंगा कभी
ज़ज्बा
कम होगा नहीं
ना हार मानूंगा ना
मैदान छोडूंगा
ज़िन्दगी की लड़ायी
अंतिम क्षण तक
लडूंगा
22-06-2011
1087-114-06-11
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