Monday, June 27, 2011

अंजाम-ऐ-मोहब्बत मौत से कम नहीं होता

जो ज़ख्म दे गए
अब उनकी कोई बात
मत करो
ज़ख्मों पर नमक ना
छिडको
मुझे मेरे हाल पर
छोड़ दो
वादों का मतलब
समझने दो
मोहब्बत का सिला
पाने दो
निरंतर मोहब्बत को
इबादत समझते थे
अंजाम-ऐ-मोहब्बत
मौत से कम नहीं होता
अहसास करने दो
26-06-2011
1102-129-06-11

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