आज एक
ख़ास दिन है
मेरे वजूद की
ख़ास दिन है
मेरे वजूद की
शुरुआत का दिन है
क्या किया? क्या पाया?
क्या किया? क्या पाया?
क्या खोया ?अब तक
सोचने का दिन है
ना खुश हूँ कि
सोचने का दिन है
ना खुश हूँ कि
आज जन्म दिन मेरा
ना दुखी हूँ
ना दुखी हूँ
कम हो गया
एक वर्ष जीवन का मेरा
अंत के करीब
अंत के करीब
एक कदम आगे बढ़ा
कितना और चलना मुझे
कितना और चलना मुझे
नहीं पता
जो खोया मिल
जो खोया मिल
नहीं सकता
जो पाया उसे
जो पाया उसे
खोना नहीं चाहता
जो नज़दीक मेरे पास
जो नज़दीक मेरे पास
उन्हें
पास रखना चाहता
दर्द-ऐ-दिल
कम करना चाहता
हर बिछड़े हुए को
याद करना चाहता
रोते हुए भी हंसना
रोते हुए भी हंसना
चाहता
जो दूर हो गए
जो दूर हो गए
उन्हें पास लाना
चाहता
आँखों की नमी को
आँखों की नमी को
सुखाना चाहता
जन्म दिन उनके साथ
जन्म दिन उनके साथ
मनाना चाहता
07-06-2011
1021-48-06-11
No comments:
Post a Comment