Sunday, June 19, 2011

फासले कभी कम ना होते

कल तक साथ  थे
अब दूर
सितारों के पास रहते 
दिल-ओ-दिमाग में बसे
ख़्वाबों में आते
इक खुमार लाते  
निरंतर हँसते,मुस्काराते 
रुकने को कहता
चुप हो जाते 
चेहरे का गुलाबी रंग
सफ़ेद होता
बिना बोले चले जाते
दिल-ओ-दिमाग में
जलजला पैदा करते
कुदरत ने
बनाए जो फासले
कभी कम ना होते
हम ज़मीन पर
वो आसमान में
आहें भरते
19-06-2011
1071-98-06-11

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