Friday, June 17, 2011

सूखा फूल गुलाब का भी कुछ कहता है

सूखा फूल
गुलाब का भी कुछ
कहता है
रो रो कर कहानी
अपनी सुनाता है
कभी खिला हुआ था
खूब महकता था
हर देखने वाले को
लुभाता था
निरंतर इतराता था
उसे पता ना था
वक़्त एक सा नहीं
रहता
हर आने वाला
जाता है
भूल गया था
जीवन का सत्य
ऐसा होता
जो कभी अर्श पर
होता
उसे फर्श भी चूमना
पड़ता
16-06-2011
1055-82-06-11

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