Wednesday, June 1, 2011

गुलशन को फिर गुलों से महका दे

उजड़ा हुआ गुलशन
बहारों का मुंतज़िर
दुआ खुदा से करता 
गुलशन को
फिर गुलों से महका दे
मोहब्बत के पानी से
सींच दे
मरने से पहले फिर
 किसी को
अपना कह सकूं
फिर से हंस सकूं
हसरत
मेरी पूरी कर दे
01-06-2011
976-03-05-11

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