बहुत बड़ा ओहदा मेरा
सज़ा सजाया बँगला
नौकर,चाकर,कार ,
ड्राइवर सब मिला
हाजरी में हर शख्श
खडा
फिर भी खालीपन
सताता
निरंतर परायेपन का
अहसास होता
मेरा घर ,मेरा बिस्तर
याद आता
छोटा ही सही किसी
महल से ज्यादा अच्छा
लगता
मेरे बिस्तर से ज्यादा
कोई बिस्तर अच्छा ना
लगता
अपनेपन से बेहतर
कुछ ना होता
17-06-2011
1058-85-06-11
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