Saturday, June 25, 2011

लोग पीते जाम भर भर ,मैं निरंतर आँखों से पीता

लोग गुलाम नशे के होते
 
गुलाम मैं भी नशे का
लोग नशे के लिए शराब पीते
मुझे मोहब्बत में नशा आता
लोग पीते जाम भर भर
मैं निरंतर आँखों से पीता
लोग लोगों से दिल लगाते
मैं दिल से दिल मिलाता
लोग मोहब्बत ढूंढते रहते
मैं मोहब्बत में डूबा रहता
लोग ज़िन्दगी में सुकून ढूंढते
मुझे सुकून मोहब्बत में  मिलता
लोग चैन से मरना चाहते
मैं मोहब्बत में मरना चाहता
25-06-2011
1099-126-06-11

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