Friday, June 3, 2011

अखबार में क्या छपा जान लेता हूँ

सुबह नींद से जागा
पत्नी ने
अखबार लाकर दिया
पहली खबर ने
 सुस्ती को उड़ाया
मासूम का क़त्ल हुआ
किसी ज़ालिम ने
गला रेत दिया
दूसरी खबर में
नाबालिग के साथ
बलात्कार हुआ
किसी जानवर की
हवस का वर्णन था
मन व्यथित
चेहरा उदास हुआ
अखबार उठा कर
रख दिया
पत्नी ने कारण पूछा
मैंने बताया
हंस कर कहने लगी
अखबार में और
क्या छपता है?
अब अखबार पढ़ना
बंद कर दिया
घूमने जाता हूँ
उदास चेहरों को देख
अखबार में क्या छपा
जान लेता हूँ
03-06-2011
990-17-06-11

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