मैंने अखबार में पढ़ा
दोस्त ने दोस्त का
क़त्ल किया
पत्नी ने पती को
मार दिया
माँ ने बेटे को
लावारिस छोड़ दिया
बेटे ने माँ बाप को
घर से निकाल दिया
मन बहुत व्यथित हुआ
अखबार उठा कर
रख दिया
चेहरे को हाथों में
छुपा कर सोचने लगा
क्यों इंसान निरंतर
हैवान सा बर्ताव कर रहा
तभी मित्र का आना हुआ
व्यथा का कारण पूंछा
मैंने मन का हाल बताया
वो कहने लगा
निरंतर जब इंसान ने
परमात्मा का मार्ग
छोड़ दिया
अपना ज़मीर को
मार दिया
तो इंसान को क्या
छोड़ेगा
12-06-2011
1037-64-06-11
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