Thursday, November 17, 2011

हम राहगुजर तो नहीं


हम
राहगुजर तो नहीं
निगाहें उठा कर भी
ना देखो हमको
धूल का गुबार भी नहीं
मुंह छुपाओ हमसे
ये बात जुदा है
तुम रुसवा हुए हमसे
दूर हो गए हमारी 
ज़िन्दगी से
कम से कम इंसान तो
समझो हमको
देख कर मुंह ना
फिराओ
इंसान की तरह पेश
आओ हमसे
17-11-2011
1795-66-11-11

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