ठहरे पानी को
आइना समझ लिया
बड़ी हसरत से
उसमें अपना अक्स
देखने लगा
एक कंकर गिरा
आइना टूट गया
सपना चूर चूर
हो गया
मैं जहां था वहीँ
खडा रह गया
उनकी
मुस्काराहट को
मोहब्बत का आगाज़
समझ लिया
आइना समझ लिया
बड़ी हसरत से
उसमें अपना अक्स
देखने लगा
एक कंकर गिरा
आइना टूट गया
सपना चूर चूर
हो गया
मैं जहां था वहीँ
खडा रह गया
उनकी
मुस्काराहट को
मोहब्बत का आगाज़
समझ लिया
16-11-2011
1795-66-11-11
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