दोनों मित्र थे
एक यीशु मसीह को
मानता
चर्च जाता
दूसरा राम-क्रष्ण को
मानता
मंदिर जाता
दोनों निरंतर
इमानदारी से कर्म करते
निश्छल निष्कपट
जीवन जीते
थोड़े अंतराल में
दोनों का निधन हुआ
एक को दफनाया गया
दूजे को जलाया गया
दोनों मित्र स्वर्ग में मिले
तो आश्चर्य में डूब गए
एकटक एक दूजे को
देखने लगे
मन में सोचने लगे
जब मंजिल एक है
तो फिर रास्ते अलग
क्यों थे ?
21-11-2011
1805-76-11-11
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