घबरा कर
हर बार कहते हैं
अब किसी से नज़रें
ना मिलायेंगे
ना किसी से दिल
लगायेंगे
कोई बुलावा दे भी दे
तो मुंह फिरायेंगे
पर क्या करें
दिल ही कमबख्त
नादाँ है
मानता ही नहीं
सिर्फ मुस्काराहट पर
बिछ जाता है
फिर से फंस जाता है
निरंतर
धोखा खाता है
06-11-2011
1750-19-11-11
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