लोग बदलते रहे
हम ना बदल सके
लोग मिलते रहे
हम सच कहते रहे
लोगों को नाराज़
करते रहे
लोग नफरत करते रहे
हमें छोड़ते रहे
गालियाँ देते रहे
हम सुनते रहे
निरंतर हँसते रहे
मोहब्बत में डूबे रहे
हम ना छोड़ सके
किसी को
अपना सा ढूंढते रहे
लोग बदलते रहे
हम ना बदल सके
12-11-2011
1782-53-11-11
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