Tuesday, November 15, 2011

हम जानते तुम्हारी तकलीफ क्या है


हम जानते तुम्हारी
तकलीफ क्या है
निरंतर मुस्काराता
चेहरा मुरझाया हुआ
क्यूं है ?

दर्द-ऐ दिल से परेशाँ
हो तुम
अपने साहिल से दूर
हो तुम

हम भी गुजर रहे इसी
मुकाम से
दूर हैं अपने साहिल से

फर्क इतना सा है
हमें पता है
हमारे साहिल का
तुम अनजान उस से हो

अब देख नहीं सकते
तुम्हें बदहाली में
बताना ही पडेगा
राज़-ऐ-दिल तुम्हें

तुम्ही मंजिल
तुम्ही साहिल हमारे

जब जान ही गए हो
रंजों गम दूर कर लो
हमें कबूल कर लो
15-11-2011
1792-63-11-11

No comments: