मैं ही उसका
इंतज़ार क्यों करूँ
उसे पता है
मैं निरंतर
उसके इंतज़ार में
परेशाँ होता हूँ
एक लम्हा भी
चैन से नहीं बैठता
फिर भी वो ऐसा
क्यों करती है?
क्या मोहब्बत का
इम्तहान लेती है?
या फिर
मेरे परेशाँ चेहरे को
देख कर
मेरी मोहब्बत पर
अपना यकीन पुख्ता
करती है
02-11-2011
1736-05-11-11
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