राधा बोली मीरा से
कान्हा संग रहती हूँ
निरंतर रास रचाती हूँ
लाख प्रेम में डूबो उनके
चाहे जितना प्रयास
कर लो
कर लो
कान्हा तो बस मेरे हैं
मीरा ने
उत्तर दिया राधा को
कान्हा तो प्रेम के भूखे हैं
संसार के
कण कण में बसते
ना मेरे हैं,ना तुम्हारे हैं
जो भी ह्रदय में बसाए
कान्हा को
कान्हा को
कान्हा तो बस
उसके हैं
30-11-2011
1831-96-11-11
No comments:
Post a Comment