तुम्हें याद रहे ना रहे
मुझे याद रहेगा
मेरी मोहब्बत की शाम का
ढलता सूरज सदा याद
रहेगा
तुमसे जुदाई का लम्हा
कभी ना भूलेगा
दर्द जो उठा था दिल में
निरंतर याद रहेगा
सपना जो टूट गया
कभी ना भूलेगा
ग़मों का मंजर
ज़िन्दगी भर याद रहेगा
अश्कों के
बहने के आगाज़ का वक़्त
कभी ना भूलेगा
तुम्हें याद रहे ना रहे
मुझे याद रहेगा
04-11-2011
1744-13-11-11
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