पैर में चुभा
छोटा सा काँटा
जी का
जंजाल बन गया
चलना फिरना दूभर
हो गया
अथाह धन भी काम
छोटा सा काँटा
जी का
जंजाल बन गया
चलना फिरना दूभर
हो गया
अथाह धन भी काम
ना आया
आज काँटा निकल गया
चलना फिर प्रारम्भ हुआ
मन में सुख का
आज काँटा निकल गया
चलना फिर प्रारम्भ हुआ
मन में सुख का
संचार हुआ
छोटा सा दुःख भी
कितना महत्त्व रखता
बड़ा सुख भी उसे
कम नहीं कर पाता
छोटा सा दुःख भी
कितना महत्त्व रखता
बड़ा सुख भी उसे
कम नहीं कर पाता
अब पता चल गया
07-10-2011
1620-28-10-11
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