निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
अपनी अपनी बातें..........: कितना क्रोध उचित है: हर ज्ञानी , महापुरुष ने सदा एक ही बात कही है, क्रोध नहीं करना चाहिए . ग्रन्थ साक्षी हैं , देवताओं से लेकर महा पुरुष , योगी और महा ऋषी भी क...
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