Sunday, October 9, 2011

मिला जब दोस्त से दोस्त


मिला जब 
दोस्त से दोस्त
यादों में दोनों खो गए
बातों ही बातों में
कई फ़साने याद
आते गए 
निरंतर कई राज़
खुलते गए
पुराने दिन लौट कर
आने लगे
हँसी के ठहाके
लगने लगे
बात जब गम की चली
वो याद आने लगे
बाकी सब कुछ
भूल गए 
आँखों से आंसू बहने
लगे
साथ गुजारे लम्हे
मन को
तडपाने लगे
09-10-2011
1628-36-10-11

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