Friday, October 14, 2011

आज वो उदास हैं


आज वो उदास हैं
समाँ उदास है
मौसम उदास है
हवाएं उदास है
आसमाँ उदास है
धूप का तेज़ कम
पेड़ों का
पत्ता पत्ता खामोश है
चिड़ियों का
चहचहाना बंद है
निरंतर बहती हवा
आज मंद है
उनके गम में सब
उदास हैं
उनके हंसने के
इंतज़ार में ज़र्रा ज़र्रा 
दिल से दुआ कर रहा
खुद को भूल गया
,क्यों की ?
वो उदास हैं 
14-10-2011
1644-52-10-11

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