आज वो उदास हैं
समाँ उदास है
मौसम उदास है
हवाएं उदास है
आसमाँ उदास है
धूप का तेज़ कम
पेड़ों का
पत्ता पत्ता खामोश है
चिड़ियों का
चहचहाना बंद है
निरंतर बहती हवा
आज मंद है
उनके गम में सब
उदास हैं
उनके हंसने के
इंतज़ार में ज़र्रा ज़र्रा
दिल से दुआ कर रहा
खुद को भूल गया
,क्यों की ?
वो उदास हैं
14-10-2011
1644-52-10-11
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