Sunday, October 9, 2011

मेरे गम तुम्हारे गम से ज्यादा


मेरे गम
तुम्हारे गम से
ज्यादा
तुम्हारे गम
मेरे गम से कम
इस झगडे में क्यों
पड़ते हो
गम तो गम होते
सब को खुद के
ज्यादा लगते
मैं तुम्हारे लिए
दुआ करूँ
तुम मेरे लिए
दुआ करो
निरंतर कंधा
एक दूजे को दो
मिल कर गम
दोनों के कम करो 
09-10-2011
1627-35-10-11

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