Monday, October 10, 2011

कब सांसें रुकी


कब सांसें रुकी
पता भी ना चला
वो चुपचाप दुनिया से
चले गए
अब ज़मीं पर नहीं,
ज़न्नत में बसते हैं
कोई फरिश्तों से
उनका पता पूछ ले
मुझे भी वाकिफ
करा दे
निरंतर दिल में
उठ रहे सवालों से
राहत दे दे
मैं भी उनसे पूछ लूँ
क्या खता हुयी थी
मुझसे
इतना तो बता दे ?
क्यूं मर मर कर
जीने के लिए
अकेला छोड़ गए ?
10-10-2011
1629-37-10-11

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