कब सांसें रुकी
पता भी ना चला
वो चुपचाप दुनिया से
चले गए
अब ज़मीं पर नहीं,
ज़न्नत में बसते हैं
कोई फरिश्तों से
उनका पता पूछ ले
मुझे भी वाकिफ
करा दे
निरंतर दिल में
उठ रहे सवालों से
राहत दे दे
मैं भी उनसे पूछ लूँ
क्या खता हुयी थी
मुझसे
इतना तो बता दे ?
क्यूं मर मर कर
जीने के लिए
अकेला छोड़ गए ?
10-10-2011
1629-37-10-11
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