Wednesday, October 5, 2011

तमन्ना थी इक कंधा ढूँढ लूं


तमन्ना थी
इक कंधा ढूँढ लूं
ग़मों को 
हल्का कर लूं
इत्मीनान से बात
दिल की कह दूं
मुंह खोलता उस से

पहले ही ज़माने को

खबर हो गयी

रंजिश 
रखने वालों के
दिलों में
आग लग गयी
एक पाक रिश्ते को
इश्क का नाम
दे दिया
सारे शहर में बदनाम
कर दिया
ग़मों का बोझ और
बढ़ा दिया
निरंतर बेसहारे का
अकेला सहारा भी
छीन लिया
05-10-2011
1611-19-10-11

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