Friday, October 28, 2011

छुप ना पाओगे


लाख छुपने की 
कोशिश करो
हम से छुप ना पाओगे
परदे के पीछे से भी
नज़र हम को आओगे
तस्वीर
तुम्हारी आँखों से
दिल में उतारी
कैसे हम से बच पाओगे?
निरंतर
ख़्वाबों,ख्यालों में
रहते हो
कैसे हम से पीछा
छुडाओगे
जितना दूर जाओगे
हमें उतना पास
पाओगे
लाख छुपने की
कोशिश करो
हम से छुप ना पाओगे
26-10-2011
1713-120-10-11

No comments: