Wednesday, October 12, 2011

कुछ लोगों से मन मिल गया


कुछ लोगों से मन
मिल गया
कुछ लोगों से मन
मिल गया
एक अजीब सा रिश्ता
हो गया
मन,मन का दोस्त
हो गया
ना देखूं उन्हें
ना सुनूं उन्हें जब तक
लगता दिन अधूरा
रह गया
दिल से दुआ
निकलती उनके लिए
झोली भर खुशी
मिले उन्हें
निरंतर ख्याल उनका
रहता
मन में अपार स्नेह
उमड़ता
मन खुद से पूछता
पहले उनसे
क्यों नहीं मिला
उनकी चुप्पी मन को
व्यथित करती
दिल को खलती
रहती
मिलने की इच्छा
बढ़ती जाती
कुछ लोगों से मन
मिल गया........
12-10-2011
1634-42-10-11

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