कल रात
आसमान में सूरज
निकल गया
सारा जहां रोशनी से
जगमगा गया
मुझे उन का खूबसूरत
चेहरा दिख गया
जहन में उसका अक्स
ज़ज्ब हो गया
हसरतों को मुकाम
मिल गया
सुबह से शाम
ठंडी आहें भरता रहा
निरंतर
यादों में खोता रहा
रात का
इंतज़ार करता रहा
10-10-2011
1632-40-10-11
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