दिल में पल रहा
नफरत का रावण
तुम्हारी मीठी बातों ने
उग गया मोहब्बत का
सूरज
तुम्हारी अदाओं से
जाग गया
हसरतों का जहाँ
तुम्हारी मुस्काराहट से
अब मनानी है दीवाली
तुम्हारी बाहों में
जलाने हैं प्यार के दिए
साथ मिल कर
करनी है
ज़िन्दगी रोशन
तुम्हारे
साथ गुजार कर
05-10-2011
1617-25-10-11
No comments:
Post a Comment