मेरे उजड़े
आशियाने का हर कौना
तेरी यादों से भरा
दिल के आईने में
सिर्फ तेरा चेहरा झांकता
फिर मोहब्बत का
ये कैसा सिला दिया
वफ़ा के नाम पर
बेवफायी का तोहफा दिया
निरंतर
हँस कर जीने वाले को
रोने के लिए मजबूर किया
हर दिल वाले का
रिश्तों से यकीन उठा दिया
बड़े अंदाज़ से अपना
वहशीपन दिखा दिया
14-10-2011
1645-53-10-11
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